Friday, May 14, 2021

बाबु जी का जन्मदिन




आज बाबु जी का जन्मदिन है. मैंने उनको सिर्फ तस्वीरों में देखा है. वो भी गिनती के कुछ तस्वीर. उनके साथ की मेरी कोई तस्वीर नहीं. न ही उनकी कोई याद.

उनके बारे में जितना जाना है वो सब सिर्फ किस्सों में. उनके संघर्ष को, उनके आंदोलन को, उनकी आवाम के हक में उठी आवाजों को. सब कहानियों में है. कई बार यकीन नही होता कि मेरे खुद के पिता ऐसे थे. इतने साहसी. सिर्फ उन्नीस साल की उम्र में एक कम्यूनिस्ट कार्यकर्ता बन गए, जमीन बंटवारे की लड़ाई लड़ी, घर-मकान, खेत-खलिहान में लाल झंडा लहराया.

जानते हुए भी कि एक दिन जान चली जायेगी, एक ईंच पीछे नहीं हटे. और एक दिन सिर्फ 31 की उम्र में शहीद हुए. आज भी उनके कॉमरेड्स हर साल उनके शहीद दिवस पर रैली निकालते हैं, उनको याद करने के लिये एकजुट होते हैं. मैंने अपने पिता को उन्ही रैलियों और सभाओं में दिये गए भाषणों से जाना. इसलिये बहुत सालों तक अविश्वास में रहा. और शायद इसलिए हमेशा उनके बारे में बोलने-लिखने औऱ बताने से बचता रहा. उनके बारे में कहे गए किस्सों से भी भागता रहा. सालों साल यही सिलसिला चला. मैं हमेशा खुद की तुलना अपने पिता से करता रहा. उनके साहस की, उनके जुझारुपन की. कुछ भी तो नहीं है मुझमें.


मेरी माँ को लगता है कई बार कि मैं अपने पिता को याद नहीं करता. लेकिन सच बात तो है कि मेरे पास याद ही नहीं. बहुत सालों तक मैंने उनसे सच में अपने पिता के बारे में बात नहीं की, हमेशा लगता रहा कि उनको दुख होगा, बीत चुके के बारे में बात करने से. 

लेकिन अब मैं सुनना चाहता हूं उनके बारे में. उनके बारे में बताना चाहता हूं. उनको ऑउन करना चाहता हूं. क्या पता शायद ऐसा करके मैं भी अपने पिता की तरह बन पाऊं. उनकी तरह हिम्मत और प्यार कर सकने की ललक जगी है.

जन्मदिन बहुत बहुत मुबारक कॉमरेड

लाल सलाम. आपके सपनो को मंजिल तक पहुंचायेंगे.

बेकाबू

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