Sunday, September 30, 2012

सरकार मेरे पति को तत्काल रिहा करे- निकहत परवीन



पटना 27 सितम्बर 2012/ मेरे पति फसीह महमूद का सउदी अरब में भारतीय एजेंसियों द्वारा अपहरण किया जाना अवैध और आपराधिक घटना है। जिससे भारतीय खुफिया एजेंसियों की कार्यशैली पर सवालिया निशान लगता है। मेरे पति के प्रत्यर्पण के सम्बन्ध में पिछले दिनों सउदी सरकार द्वारा दिए गए बयान कि फसीह महमूद के खिलाफ कोई तार्किक आरोप भारतीय एजेंसियां नहीं लगा पाई हैं और इसलिए वो मेरे पति को भारतीय एजेंसियों को नहीं सौपेगी से यह साबित हो जाता है कि मेरे पति निर्दोष तो हैं ही साथ ही उनको अवैध रुप से भारतीय एजेंसियों द्वारा उठाया गया है। जो एक आपराधिक घटना है।

मैंने सरकार से अपने पति के भारतीय एजेंसियों द्वारा गायब करने की बात को बार-बार कहा और अंत में 2े4 मई को हैबियस कार्पस भी दाखिल किया। उस पर गैरजिम्मेदाराना तरीके से महीने से ज्यादा वक्त गुजरने के बाद 9 जुलाई को सरकार ने कहा कि सउदी सरकार ने उन्हें 26 जून को बताया कि फसीह उनकी हिरासत में हैं और भारतीय सरकार ने कहा कि फसीह की गिरफ्तारी में हमारा कोई हाथ नहीं है।
ऐसे में सवाल उठता है कि जब मेरे पति के ऊपर सउदी में कोई आरोप नहीं है तो उन्हें वहां कैसे गिरफ्तार किया जा सकता है? दूसरे कि जब भारतीय एजेंसियों का उनकी गिरफ्तारी में कोई हाथ नहीं है तो फिर उनके खिलाफ मेरे 24 मई के हैबियस कार्पस के बाद 28 मई को वारंट और 31 मई को रेड कार्नर नोटिस क्यों जारी किया गया?

मैं सरकार से पूछना चाहती हूं कि जब भारतीय सरकार का फसीह की गिरफ्तारी में कोई हाथ नहीं है तो फिर सउदी सरकार, भारत सरकार पर फसीह के खिलाफ तार्किक सबूत न दे पाने का आरोप क्यों लगा रही है या फिर उसके जवाब में भारत सरकार फसीह के खिलाफ कथित सबूत देने की बात क्यों कर रही है? मैं सरकार से यह भी जानना चाहूंगी कि भारत और सउदी सरकार के बीच हए प्रत्यर्पण संधि के मुताबिक जब किसी भी अभियुक्त के खिलाफ दो महीने तक कोेई सबूत नहीं मिलता तो उसे छोड़ दिए जाने का प्रावधान है, ऐसे में जब मेरे पति के खिलाफ जब भारत सरकार कोई सबूत नहीं दे पाई तब भी उन्हें चार महीने बीत जाने के बावजूद क्यों नहीं छोड़ा गया?

मैं सरकार से जानना चाहूंगी कि सरकार खुफिया एजेंसियों को क्यों बचा रही है? पिछले चार महीने से मेरे पति से मुझे और मेरे पूरे परिवार को अलग करके क्यों रखा है? क्या लोकतांत्रिक देश में यह मानवाधिकार हनन नहीं है? मैंने बार-बार मांग की कि मुझे मेरे पति से मिलने का मौका दिया जाय, जो मेरा अधिकार है, इस पर सरकार ने कोई जवाब नहीं दिया। पर मेरे पति के खिलाफ झूठे सबूत रचने वाली खुफिया एजेंसियां जब-जब अपनी गैरकानूनी और आपराधिक शैली की वजह से फंसती नजर आईं सरकार उनके साथ खड़ी हुई।

ऐसे में मैं मांग करती हूं कि मेरे पति को तत्काल रिहा किया जाय और उनका अपहरण करने वाले भारतीय खुफिया एजेंसियों के दोषी अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाई करते हुए मुकदमा दर्ज किया जाय।


द्वारा-
निकहत परवीन
पत्नी- फसीह महमूद
ग्राम- बाढ़ समेला
पोस्ट आॅफिस- समेला लालगंज
थाना- क्योटी रनवे
जिला- दरभंगा बिहार
मोबाइल नंबर- 07739420290

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