गुटखा पर प्रतिबंध लग चुका है लेकिन पेट का सवाल है बाबू |
परमानेंट घर यही है.. |
इसकी अपनी जिंदगी है, इसका अपना रंग भी है।
देखें कुछ तस्वीरें
किसी ऑफिस के काम से राजधानी आए थे, चक्कर काट कर सुस्ता रहे हैं |
बैठकबाजी ऐसा कि जहां सरकार तक गिरने की बात होती हो |
क्या खींचते हो बाबू, पेट में जलने वाले आग का सवाल है |
साथी रे। हाथ बंटाना |
क्या महिला क्या पुरुष- सबका पनाहगार |
जरा निशाना साध ले |
आओ घर के कोलाहल से दूर फुर्सत के दो पल बिता लें |
क्या दोस्त अब चल भी ले |
रेखाएं दूसरों की बोलती है-मेरी कब बोलेगी |
मैं कहां हूं |
मोबाइल हर हाथ को बात पुरानी है |
आदमी के साथ मैं भी यहीं हूबं |
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