Thursday, June 27, 2013

एक बात यह भी

क्या दुनिया तुम्हारे पास आकर कहती है-
देखो, मैं हूँ?

- रमण महर्षि

No comments:

Post a Comment

कुछ चीजों का लौटना नहीं होता....

 क्या ऐसे भी बुदबुदाया जा सकता है?  कुछ जो न कहा जा सके,  जो रहे हमेशा ही चलता भीतर  एक हाथ भर की दूरी पर रहने वाली बातें, उन बातों को याद क...