एक दोस्त ने कल मैसेज किया। उसके कहने का जिस्ट यही था कि अगर आप दुनिया को बेहतर बनाने के सपने देखते हैं, अगर आप चीजों को ठीक करना चाहते हैं तो निश्चित तौर पर इसके लिए जीना होगा और खुलकर जीना होगा।
जबकि मैं अक्सर देखता हूं जो बेहतर दुनिया की चाहत रखते हैं वो धीरे-धीरे इस दुनिया और समाज से इतनेे कटे-कटे हो जाते हैं कि कई बार महसूस ही नहीं होता कि वो जिन्दा भी हैं या मर गए।
मतलब साफ है। अगर आप जिन्दा हैं तो बेहतरी के सपनों की तरफ बढ़ने के लिए कुछ करिये, ये नहीं कि बस दुनिया को कोसते हुए किसी अँधेरे बंद कमरे में खुद को कैद कर लीजिए।
कुछ बेहतर होने के लिए, कुछ सुंदर करने के लिए हमारा जीना जरुरी है, अपनी जिन्दगी से शिद्दत से मोहब्बत जरुरी है।
जिन्दा रहेंगे तभी तो निजाम बदलेंगे कॉमरेड्स।।
जबकि मैं अक्सर देखता हूं जो बेहतर दुनिया की चाहत रखते हैं वो धीरे-धीरे इस दुनिया और समाज से इतनेे कटे-कटे हो जाते हैं कि कई बार महसूस ही नहीं होता कि वो जिन्दा भी हैं या मर गए।
मतलब साफ है। अगर आप जिन्दा हैं तो बेहतरी के सपनों की तरफ बढ़ने के लिए कुछ करिये, ये नहीं कि बस दुनिया को कोसते हुए किसी अँधेरे बंद कमरे में खुद को कैद कर लीजिए।
कुछ बेहतर होने के लिए, कुछ सुंदर करने के लिए हमारा जीना जरुरी है, अपनी जिन्दगी से शिद्दत से मोहब्बत जरुरी है।
जिन्दा रहेंगे तभी तो निजाम बदलेंगे कॉमरेड्स।।
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