क्या ऐसे भी बुदबुदाया जा सकता है?
कुछ जो न कहा जा सके,
जो रहे हमेशा ही चलता भीतर
एक हाथ भर की दूरी पर रहने वाली बातें,
उन बातों को याद करना
उन बातों के लिये बेचैनी
उन बातों का रंग कौन सा
उन रंगों में हमारा अपना रंग कौन सा
हमारे रंगों में तुम्हारा रंग कौन सा
तुम्हारे रंग में मेरा रंग कौन सा
हँसते हुए
नीले रंग का दरवाजा और बोगनवलिया के खिल आए फूल
जेरुसेलम शहर
और गाजा का खंडहर
खंडहरों में दबे लोगों का रंग कौन सा
और मिट्टी बने लोग कौन से
हम कहां दबे
जब मिले तो
कौन से फूल खिले
सूखे फूलों का क्या करें
घर में फूलों का आना बंद क्यों
और तुम्हारा ?
इंतजार में रहते हुए आदमी का रंग क्या
रंग जो घर भूल आया वो कौन सा
कौन सा कॉफी
और
जो हमारा चायखाना था
उसका रंग भी
नीला क्या नहीं बचा
बुदबुदाने का रंग कौन सा
कौन सी बातें
कौन सी रंग
कौन सी हँसी
कौन से फूल
जो
रह गए
तुम्हारे पास
मेरे पास
हमारे पास
क्या हम दोनों के जाने के बाद भी बचा रहेगा
हमारा
हम
म
म
म
म
म
म
म
म