Wednesday, September 5, 2012

हाईस्कूलिया प्रेम कविता पार्ट 3



मेरी हर खुशी,
हर हँसी, हर शाम
हर कविता, हर शब्द
हर बोल, हर बात
हर वो चीज, जो मुझे अच्छा लगे
वो सिर्फ और सिर्फ
तेरे नाम
तेरे नाम

तेरा हर दुःख, हर गम
गर आँसू
हर वो बात जो
तुम्हें दर्द
यहाँ तक कि
तेरे exam का खरब रिजल्ट भी,
तेरी सारी असफलताएँ
मेरे नाम
सिर्फ
मेरे नाम!!!!


Note;- इस कविता को पढ़ता जाता हूं और हँसता जाता हूँ। इतना मासूम प्यार शायद हाईस्कूल में ही संभव है। अब तो उम्र के बाइस साल में प्यार भी प्रैक्टिकल हो गया है। एकदम से कैलकुलेटिव। ओह, क्या भावूक क्षण थे वे।

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