क्या दुनिया तुम्हारे पास आकर कहती है-
देखो, मैं हूँ?
- रमण महर्षि
देखो, मैं हूँ?
- रमण महर्षि
दीवाल पर बेशर्मी से लिखा ये पोस्ट |
अभिषेक आनंद हिन्दुस्तान पटना के साथ पत्रकारिता कर रहे हैं |
फिल्म डिक्टेटर में चार्ली |
indian charlie |
बादल और धुंए का ये दृश्य |
शोवरण |
क्या ऐसे भी बुदबुदाया जा सकता है? कुछ जो न कहा जा सके, जो रहे हमेशा ही चलता भीतर एक हाथ भर की दूरी पर रहने वाली बातें, उन बातों को याद क...