मार्च का गीत
मैं फूलों को उछालता चलता
हूं
हर चीज में कोंपलें आ रही
हैं
मार्च में
मैं रास्तों को उछालता चलता
हूं
बच्चे इधर-उधर दौड़ रहे हैं
मार्च में
मैं गीत को उछालता चलता हूं
चिड़िया गा रही हैं
मार्च में
मैं सिर्फ प्रेम को सीने से
लगाए चलता हूं
दर्द, भय और
तुम्हें
तुम्हारी हंसी
मार्च में.
.
No comments:
Post a Comment