कभी-कभी किसी खास दोस्त का फोन आ जाता है। दोस्त, जिससे हर रोज बात न हो, फिर भी जो मुझ पर विश्वास करे।
उसके सामने मन की वो बात भी शेयर हो जाती है, जिसका खुद भी पता नहीं होता।
कभी-कभी ऐसे दोस्तों के सामने रोया भी जाता है।
रोने के बाद अच्छा भी लगता है। सच में। रो कर देखना। ईमानदार आसूँ का निकलना आदमी बनाये रखने का जरिया भी हो सकता है। सच में।
उसके सामने मन की वो बात भी शेयर हो जाती है, जिसका खुद भी पता नहीं होता।
कभी-कभी ऐसे दोस्तों के सामने रोया भी जाता है।
रोने के बाद अच्छा भी लगता है। सच में। रो कर देखना। ईमानदार आसूँ का निकलना आदमी बनाये रखने का जरिया भी हो सकता है। सच में।
No comments:
Post a Comment