Tuesday, August 2, 2016

रोता हुआ सेल्फी

हमें हर चीज़ एक बने बनाये नियम की तरह थमा दी गयी है,
सेल्फी लेते वक़्त हंसना है- का नियम किसने बनाया होगा ?
हंसना एक एक्ट है- सेल्फी लेने वक्त,
हज़ारों – लाखों लोग सेल्फी ले रहे हैं और हंस रहे हैं,
हर रोज़ लोग हंस रहे हैं,
सिर्फ सेल्फी लेने के लिए हंस रहे हैं, फ्रंट कैमरा घुमते ही ज़ोर ज़ोर से हँसते हैं- हज़ार उदासियों को भीतर समेट बाहर हँसते हैं, न चाही गयी मुलाक़ात में भी हम say chees वाली सेल्फी लेते हुए हँसते हैं, जिसकी जितनी बड़ी हंसी, उतनी बड़ी सेल्फी, और दुनिया की नज़र में उतना ही खुश जीवन !
ठहाकामार हंसी वाली सेल्फी आपको ज्यादा जीवन जीने वाला आदमी घोषित कर देगा
मैं चाहता हूँ एक रोता हुआ सेल्फी
अँधेरा, दुःख, अकेलापन और विरक्ति को समेटने वाला सेल्फी।
लेकिन दुनिया ने नही बनाया है ऐसी सेल्फी लेने का कोई नियम ।
इसलिए मैं भी लगाता हूँ- एक ठहकामार सेल्फी।

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