भीड़ में कुछ हाथ हैं। यही कुछ हाथ एक ताली उछालते हैं। और भीड़ पीछे-पीछे ताली पीटना शुरू कर देती है।
भीड़ को हांकने वाले इस तालीमंत्र को समझ चुके हैं..............वे इस चुनाव से उस चुनाव बस अब इस तालीमंत्र के फॉर्मूले को मॉडिफाई करते चलते हैं ..और हम सब उसके भीड़तंत्र में शामिल होते चलते हैं।
भीड़ को हांकने वाले इस तालीमंत्र को समझ चुके हैं..............वे इस चुनाव से उस चुनाव बस अब इस तालीमंत्र के फॉर्मूले को मॉडिफाई करते चलते हैं ..और हम सब उसके भीड़तंत्र में शामिल होते चलते हैं।
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