जब कुछ नहीं मिटता तो आदमी खुद मिट जाता है।
कभी कभी किसी को जीतते देखने का सुख खुद के हारे जाने के दुःख से बड़ा हो जाता है।
विराम।
कभी कभी किसी को जीतते देखने का सुख खुद के हारे जाने के दुःख से बड़ा हो जाता है।
विराम।
मन भर गया है। खालीपन से।।
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