आज जाने की जिद्द न करो
यूं ही पहलू में बैठे रहो
रातभर ही तुम याद आये। रात भर ही हम मरते रहें। रातभर ही लूटते रहे। रातभर बस बातें न हो सकीं। रातभर तुम्हें लिख न सका।
रातभर रहा खूब सारा वक्त। रातभर डरता रहा। एक घर था। हवेली जैसा। किराया काफी कम। हमने ले लिया। तुम डरते रहे। मैं हिम्मत करके जगा रहा।
हमदोनों बैठे रहे। मैंने तुम्हें रोके रखा। जान जाता रहा। तुम लौटे ही नहीं। बात इतनी सी है कि तुम...
यूं ही पहलू में बैठे रहो
रातभर ही तुम याद आये। रात भर ही हम मरते रहें। रातभर ही लूटते रहे। रातभर बस बातें न हो सकीं। रातभर तुम्हें लिख न सका।
रातभर रहा खूब सारा वक्त। रातभर डरता रहा। एक घर था। हवेली जैसा। किराया काफी कम। हमने ले लिया। तुम डरते रहे। मैं हिम्मत करके जगा रहा।
हमदोनों बैठे रहे। मैंने तुम्हें रोके रखा। जान जाता रहा। तुम लौटे ही नहीं। बात इतनी सी है कि तुम...
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