Sunday, March 18, 2012

देश को चाहिए कई..कई सनी लियोन..


देश को चाहिए कई..कई सनी लियोन
आजकल भारतीय संस्कृति के रक्षक भाई लोग थोड़े नाराज और उखड़े-उखड़े से चल रहे हैं. दरअसल इनकी परेशानी की वजह इस बार है- अमेरीकी एडल्ट स्टार सनी लियोन.
  सनी लियोन को लेकर भाई लोग इतने परेशान हैं कि कई भद्दा मजाक भी ये लोग सनी लियोन के नाम से ही करने लगे हैं. कुछ भाई लोग इस आश्चर्य में हैं कि अरे, लियोन की शादी भी हो चुकी है. ये लोग लियोन के पति डेनियल बेवर के लिए चिंतित हो रहे हैं और ज्यादातर समय ये सोचते हुए बिता रहे हैं कि उसका पति घर आकर लियोन को क्या कहता होगा,कैसे बात करता होगा,कैसे उसके काम के बारे में डिस्कस करता होगा?
 इधर किसी कमाल खान नाम के एक्टर ने कहा है कि वो लियोन का रेप करना चाहते हैं.  हमारी संस्कृति कितनी महान है कि एक महिला के लिए हम ऐसे शब्दों का प्रयोग खुल्लम-खुल्ला कर रहे हैं.
वहीं मीडिया भी लियोन के बारे में खबर छापती है कि कंडोम के बिना नहीं रह सकती लियोन,भारतीय साड़ी में दिखी लियोन,वगैरह,वगैरह।
  भारतीय संस्कृति के रक्षक यही दोस्त लोग हैं जो वैलेंटाइन डे के दिन किसी प्रेमी-प्रेमिका को भाई-बहन बनने पर मजबूर कर देते हैं,कभी मंगलोर के किसी पब में महिलाओं को सिर्फ इसलिए पीट आते हैं कि वो आधी रात को पब में डांस कर रही थी. ये लोग कभी राजस्थान में किसी औरत को सती होने पर मजबूर कर देते हैं तो कभी दूसरी जाति में शादी करने पर लड़की को जहर तक दे देते हैं.
  इन लोगों का मानना है कि लड़कियों का रेप इसलिए होता है क्योंकि वो भड़काऊ कपड़े पहनती हैं. इन्हीं भाई लोगों के खिलाफ स्लट वॉक तक करना पड़ता है. इनका स्पष्ट मानना होता है कि लड़कियां प्यार करने की चीज होती हैं..सर पर बैठाने की नहीं.
  लेकिन इन भाई लोगों को उस समय भारतीय संस्कृति पर कोई खतरा नजर नहीं आता जब ये सड़क चलते लड़कियों पर फब्तियां कसते हैं, जब मेट्रो और बस में चलते हुए ये लड़कियों को घूरते हैं.
  कभी किसी मर्द को गर्मी में बुर्का पहना के घूमना चाहिए या फिर कभी उसे घूंघट डाल के सड़क पार करना चाहिए. वो भी तो समझे कि औरतों को मर्दवादी जिद्द के कारण किस हद तक झेलना पड़ता है।
 भारत में सचमुच सनी लियोन जैसों की जरूरत है.चाहे वो किसी भी पेशे में हों अपने को सनी लियोन की तरह ही मजबूती से पेश कर सकें. मतलब ये नहीं कि वो एडल्ट एक्टर बन जाय बल्कि जो उनके मन में हो वो करें. उनपर किसी भी पुरूष का दबाव न हो. उनमें प्रतिरोध करने की क्षमता हो, लोगों को ठेंगा दिखाने का मद्दा हो, जैसा कि सनी लियोन में है।
  औरतों के पास पैर तो हैं पर वो अपनी राह चल नहीं सकतीं. उनके पास दिमाग तो है पर वो अपनी दिशा में सोच नहीं सकती. उनका सबकुछ दूसरों की धरोहर है और उन्हें तो इंसान तक नहीं समझा जाता। यह एक सच्चाई है कि भारतीय समाज में विवाह यदि टूटते नहीं हैं तो इसलिए कि औरतें इसकी कीमत चुका रही हैं. जब वे कीमत चुकाने से मना कर देंगी तो यहां पर भी पाश्चात्य समाज की तरह परिवाद टूट जाएंगे. भारतीय समाज की सबसे सदृढ़ इकाई छिन्न-भिन्न हो जाएगी।
  इसलिए आज देश को सीता और सावित्री की जरूरत नहीं है. बल्कि देश को चाहिए सनी लियोन, डर्टी पिक्चर की सिल्क और कहानी फिल्म की विद्या,जो आंसू नहीं बहाती,लड़ती हैं। जो बुर्का को उतार फेंकने का साहस रखती है...
  प्रतिरोध ही एक मात्र रास्ता है.

2 comments:

  1. एक बात जो तुमने कही भारतीय परिवार के सम्बन्ध में उसमें सच्चाई है |महिलाएं चुपचाप सह लेती हैं ,इसलिए परिवार बचा है |अगर वो अपना हक सिल्क और लियोन की तरह लेना चाहे तो पुरुषों के लिए मुश्किल होगा परिवार को बचाना |हमें दोहरा चरित्र से बचना होगा और महिलओं को सम्मान के साथ उनका हक देना होगा | तुम ऐसा सोच पा रहे हो .बहुत बधाई ...पर सिर्फ रात को नहीं दिन की भी सोचो ......हा हा हा हा

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  2. tb to mamta shrma ke sexy wale byaan mai kch sahmati to hogi aapki...

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