Friday, June 10, 2016

छोटी-छोटी बातें

1. ट्रैफिक सिग्नल पर जितनी देर खड़े रहो, उतना मन बैचेनी, गुस्से से भरता रहता है। लेकिन यही ट्रैफिक सिग्नल किसी की रोजी-रोटी का अहम हिस्सा है। उसकी पूरी बैचेनी इस बात पर टिकी होती है कि कितने देर तक लाल बत्ती जलती रहे, उतनी देर वो अपना सामान, फुल, फोन कवर, पंखे, धूप से बचाने वाले शीशे के कवर वो बेच सकता है। अक्सर वो दिख जाता है आईआईटी वाले फ्लाईओवर के पास। उसका चेहरा गोल है, वो गोल-गोल शीशे वाला चश्मा पहनता है। कपड़े भी उसके जहीन से होते हैं। मैं कई बार चाहकर भी पूछ नहीं पाता उसकी कहानी...डर लगता है।

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