Monday, September 17, 2018

तुमने खोया है कभी ?

एकबार

तुर्की के प्रेम कवि जमाल सुरैया ने अपनी कविता में पूछा,
"तुमने अपने पिता को खोया कभी?
मैंने खोया है एक दफा और मैं अंधा हो गया"

मैंने भी खोया है
अपने पिता को
अपने दोस्त को
अपने प्रेम को
अपनी यादों को

लेकिन मैं तय नहीं कर पाता कि किसे खोने का दुख जिन्दगी भर रहेगा
किसे खोने के बाद मैंने खुद को अँधा महसूस किया,

मैंने अपने पितो को खोया
लेकिन
मैं भूखा नहीं मरा,

मैंने अपने दोस्तों को खोया
लेकिन
मैं अकेला नहीं हुआ ।

मैंने अपने प्रेम को खोया
लेकिन
मेरा प्रेम नहीं मरा

मैंने बहुत सारी यादों को खोया
लेकिन
स्मृतिविहीन नहीं हुआ ।।

हां, थका जरुर।

हर खोने के बाद
थोड़ा सा ज्यादा ही
थका।
क्या तुम कभी किसी के खोने से थके कभी?

No comments:

Post a Comment

बेकाबू

 रात के ठीक एक बजे के पहले. मेरी बॉलकनी से ठीक आठ खिड़कियां खुलती हैं. तीन खिड़कियों में लैपटॉप का स्क्रीन. एक में कोई कोरियन सीरिज. दो काफी...